Spices

मसालों का वर्गीकरण

भारतीय मसालों को उपयोगी भागों के आधार पर, आर्थिक महत्तव के आधार पर, जलवायु के आधार पर, स्वाद, मौसम के आधार पर वर्गीकर्त किया जा सकता है।

I. उपयोगी भाग के आधार पर :-

  1. बीज:- जीरा, काला जीरा, मेथी, धनियाँ, सौंफ, अजवाइन, अनीसीड आदि
  2. शल्क कंद:- प्याज, लहसुन आदि
  3. छाल:- दाल चीनी, आदि
  4. फल:- मिर्च, इलायची, आल स्पाइस, कोकम आदि
  5. पत्ती:- करी पत्ता, तेज पत्ता, रोज़ मेरी आदि
  6. प्रकंद:- हल्दी, अदरक ।
  7. फली:- वनीला, इमली
  8. गिरी:- जायफल
  9. वर्तिका:- केसर
  10. कली:- लोंग
  11. अरिल (aril):- जावित्री, अनारदाना
  12. बेरी (berry):- कली मिर्च, आल स्पाइस

II. आर्थिक महत्व के आधार पर :-

  1. मुख्य मसालें:- ऐसे मसाले जिन का देश-विदेश में अधिक प्रचालन हैं उन मसलों को मुख्य मसाले कहते है इन मसालों से कुल मसालों के निर्यात से मिलने वाली मुद्रा का 70 – 90 % आता है । उदाहरण छोटी इलायची, काली मिर्च, मिर्च, हल्दी, और अदरक ।
  2. गौण मसाले:- मुख्य पाँच मसालों के अतिरिक्त सभी मसाले गौण मसालों के अंतर्गत आते हैं गौण मसालों के आगे पाँच समूहों में बांटा जा सकता है जो निम्न प्रकार से है :-
    1. बीजीय मसाले:- धनिया, जीरा, सौंफ, अनि सीड़, मेथी, सेलेरी आदि ।
    2. कंदीय मसाले:- लहसुन, प्याज, लीक
    3. सुगंधित मसाले:- लौंग, इलायची, दाल चीनी आल स्पाइस
    4. पत्ती वाले मसाले:- करी पत्ता, पुदीना, तेजपत्ता, रोसेमेरी
    5. अम्लीय पेड़ मसाले:- इमली, कोकम, और अनारदाना

III. जलवायु के आधार पर :-

1. उष्ण कटिबंधीय जलवायु:-

इस  जलवायु के मसालों को अधिक तापमान तथा अधिक अद्रता की आवश्यकता होती है कम तापमान मसालों को नुकसान पहुंचता है। उदारण:- अदरक, हल्दी, काली मिर्च, दाल चीनी, छोटी इलायची, लौंग और कोकम।

2. उपोषण कटिबंधीय जलवायु:-

उपोषण जलवायु में तीनों ऋतुए सर्दी, गर्मी तथा मानसून स्पष्ट तथा अलग अलग होती हैं गर्मी में तापमान 400 सेल्सियस से अधिक तथा सर्दीयों में 50 से कम तापमान रहता है इस जलवायु के मसालों को वानस्पतिक वर्दी के लिए कम और पुष्पन के लिए अधिक तापमान की आवश्यकता होती है । उदाहरण:- जीरा, धनिया, सौंफ, मेथी, प्याज और लहसुन आदि ।

3.शीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु:-

ऐसे मसाले जिन्हें कम तापमान की आवश्यकता होती है तथा ज्यादातर तापमान 50 सेल्सिस से कम रहता है अधिक तापमान इन मसालों को नुकसान पहुंचता है । उदाहरण:- केसर, सवोय, एसफोटीडा आदि ।

IV. स्त्रोत तथा स्वाद के आधार पर:-

  1. सुगंधित मसालें:- इलायची, अनि सीड, सेलेरी, जीरा, धनियाँ, मेथी, और दाल चीनी
  2. कसैले मसाले:- लहसुन, मिर्च, कालीमिर्च, और राई
  3. फीनॉलिक मसाले:- लॉंग, और आल स्पाइस
  4. रंगदार मसाले:- हल्दी, केसर, लाल मिर्च

V. जीवन चक्र के आधार पर:-

  1. एक वर्षीय : एक ही मौसम में अपना जीवन चक्र पूरा करने वाले मसाले।

                उदाहरण : धनिया, जीरा, सौंफ, मेथी अजवाइन आदि

  1. द्विवार्षिय : दो मौसमों में अपना जीवन काल पूरा करने वाले मसाले

               उदाहरण :  प्याज, परसले आदि  

  1. बहुवर्षीय : वो मसाले जो अपना जीवन चक्र दो मौसमों से अधिक समय में पूरा करती हैं ।

                उदाहरण : कालीमिर्च, केसर, लौंग, दालचीनी, जायफल आदि।

VI. वानस्पतिक वर्गीकरण:-

Name

Botanical name

Family

Parts used

Cumin (जीरा)

Cuminum cyminum

Apiaceae

Fruit

Coriander (धनियाँ)

Coriandrum sativum

Apiaceae

Leaf and the seed

Fennel (सौंफ)

Foeniculum vulgare

Apiaceae

Fruit

Aniseed

(ऐनिसीड)

Pimpinella anisum

Apiaceae

Fruit

Celery (सेलेरी)

Apium graveolens

Apiaceae

Leaf, Fruit, Stem

Mustard (राई)

Brassica juncea, B. nigra

Brassicaceae

Seed

Tamarind

(इमली)

Tamarindus indica

Caesalpiniaceae

Fruit

Fenugreek (मेथी)

Trigonella foenum-graecum

Fabaceae

Seed

Saffron (केसर)

Crocus sativus

Iridaceae

Stigma

Mint (पुदीना)

Mentha piperita

Lamiaceae

Leaf

Tejpat (तेज पत्ता)

Cinnamomum tamala

Lauraceae

Leaf

Cinnamon (दालचीनी)

Cinnamomum verum

Lauraceae

Leaf and stem bark

Nutmeg (जायफल)

Myristica fragrans

Myristicaceae

Seed

Clove (लौंग)

Euginia caryophylus

Myrtaceae

Flower bud

Black pepper (कालीमिर्च)

Piper nigrum

Piparaceae

Fruit

Chilli (मिर्च)

Capsicum annum

Solanaceae

Fruit

Cardamom (small) (छोटी इलायची)

Elettaria cardamomm

Zingiberaeeae

Fruit

Cardamom (Large) बड़ी इलायची)

Amomum subulatum

Zingiberaeeae

Fruit

Turmeric (हल्दी)

Curcuma longa

Zingiberaeeae

Rhizome

Ginger (अदरक)

Zingiber officinale

Zingiberaeeae

Rhizome