Vegetable Science

कुकुरबिट्स

कुकुरबिट्स

  • कुकुरबिट्स, कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) कुल के पौधों को कहा जाता है इस कुल को गार्ड कुल (Family) भी कह देते है
  • ये पूरे विश्व में पाए जाते है इनका विस्तार दक्षिणी गर्म tropics से लेकर दक्षिणी पूर्वी से पूर्वी एशिया, अफ्रीका, मध्य और दक्षिणी अमेरिका तक है
  • कुकुरबिटेसी कुल में लगभग 120 जीनस (Genera) और उनकी 800 प्रजातियाँ (species) आती है।
  • इस कुल के ज्यादातर पौधे लताएं (climber) ही है बहुत ही कम काष्ठीय अथवा वृक्ष है
  • इस कुल के मुख्य गुणधर्म inferior ovary और parietal placentation है ।

  • कुकुरबिट्स का मुख्य उपयोग सब्जी के अथवा फल के रूप में किया जाता है
  • ये स्वभाव से monoecious होते है
  • Pointed Gourd, Spine Gourd और Scarlet Gourd स्वभाव से dioecious होते है ।
  • इसके फल inferior berry प्रकार के होते है जिन्हें कठोर छिलके के कारण ‘Pepo’ कहा जाता है
  • Cucurbitacine नाम का एक विषैला पदार्थ (toxic substance) कुकुरबिट्स में पाया जाता है जो की इनके कड़बेपन (Bitterness) के लिए जिम्मेदार होता है
  • Cucurbitacine (tetracyclic triterpins) का oxidation स्तर बहुत अधिक होता है फलों और जड़ों में इस की सांद्रता पत्तियों की तुलना में अधिक होती है। और पराग कण (pollen grain) भी इस की कुछ मात्रा को वहन करते है।
  • कुकुरबिस सामान्यतः एक वर्षीय ही होते है परन्तु chow chow, परवल और Ivy gourd बहु वर्षीय होते है।
  • कुकुरबिट्स में बहुत अधिक बीज पाए जाते है परन्तु chow chow में केवल एक बीज ही होता है।
  • इनमें किसी सहारे पर चढ़ने के लिए पत्ती के आधार से तन्तु (tendrils) निकलते है ।
  • इनके तने पर रोये (coarse hair) पाए जाते है ।
  • कुकुरबिट्स की नदियों के किनारों पर खेती करना Daria cultivation कहलाता है यह आर्थिक महत्व से लाभ दायक होता है।

Sr No.

सामान्य नाम 

वानस्पतिक नाम 

1

खीरा 

कुकुमिस सैटिवस

2

तरबूज 

सिट्रुलस लैनाटस

3

खरबूजा 

कुकुमिस मेलो

4

काली / झींगली तोरई 

लुफ़ा एक्यूटेंगुला

5

चिकनी तोरई 

लूफ़ा सिलिंड्रिका

6

करेला 

मोमोर्डिका चारैन्टिया

7

कद्दू 

कुकुर्बिटा मोस्काटा

8

टिंडा 

प्रैसिट्रुलस फिस्टुलोसस

9

लोकी 

लजनेरिया सिसेरिया

10

परवल 

ट्राइकोसैंथेस डियोइका

11

तर /चिचिड़ा / स्नैक गार्ड 

ट्राइकोसैंथेस कुकुमेरिना

12

छपन कद्दू 

कुकुर्बिटा पेपो

13

विंटर स्क्वैश

कुकुर्बिटा मैक्सिमा

14

गेरकिन

कुकुमिस अंगारिया

15

केन्टालूप  

कुकुमिस मेलो var कैंटालूपेंसिस

16

पेठा/कुम्हड़ा/ वैक्स गार्ड

बेनिनकासा हिस्पिडा

17

कुंदुरी / आइवीगॉर्ड

कोकिनिया ग्रैंडिस

18

चोव चोव 

सेचियम एडुले

कुकुरबिट्स का उपयोग

  • Vegetable: Bitter Gourd, Ridge Gourd and Sponge Gourd, Round Gourd, Pointed Gourd और Pumpkin का उपयोग सब्जियों के रूप में किया जाता है ।
  • Salad: सलाद के रूप में Cucumber और Little Gourd का उपयोग किया जाता है ।
  • Table Purpose: फल के रूप में Muskmelon, Water melon, और Cucumber को खाया जाता है ।
  • Pickle: Cucumber, Little gourd और Bitter Gourd का उपयोग आचार बनाने में किया जाता है।

कुकुरबिट्स की बीमारियाँ और उनका प्रबंधन

1. चूर्णी फफूंदी (एरीसिपे सिकोरेसीरम):

पुरानी पत्तियों की निचली सतह पर सफेद गोल धब्बे दिखाई देने लग जाते है। ये धब्बे आकार और संख्या में बढ़ने लगते है धीरे धीरे धब्बे पूरी पत्ती को कवर लेते है

नियंत्रण

  • खेत को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए।
  • पौधे के प्रभावित भागों को काट कर नष्ट कर देना चाहिए।
  • फसल पर बाविस्टिन अथवा कैराथेन (0.1%) का छिड़काव करना चाहिए।

 2. डाउनी मिल्ड्यू (स्यूडोपर्नोस्पोरा क्यूबेंसिस)

पौधे की पत्तियों की ऊपरी सतह पर पीले से लाल भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जो पत्ती के नीचे की सतह से देखने पर गुलाबी से बेंगनी रंग की रुई जैसी वृद्धि के रूप में दिखाई देते है रोग का अधिक प्रकोप होने पर पत्तियाँ पीली हो कर सुखना शुरू कर देती है । कभी कभी पौधे की वृद्धि भी रुक जाती है।

नियंत्रण

  • फसल चक्र अपनाना चाहिए।
  • पुरानी फसल के अवशेषों को जला देना चाहिए।
  • मेनकीजेब  का 2.5 gm का 1000 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काब करना चाहिए।

3. फल सड़न (चोएनफोरा कुकुर्बिटा या पाइथम स्पीशीज़)

अधिक नमी और अधिक तापमान में यह रोग अधिक दिखाई देता है । पौधे के पुष्प सबसे पहले गलने शुरू हो जाते है उन पर बैंगनी से काले रंग की रुई जैसी फफूंद की वृद्धि दिखाई देती है। धीरे धीरे यह रोग फलों में भी दिखाई देने लग जाती है फल सड़ने प्रारंभ हो जाते है ।

नियंत्रण

  • जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  • पौधे को चढ़ने के लिए सहारा देना चाहिए।

4. एन्थ्रेक्नोज (कोलेटोट्राइकम लैजेनेरियम)

यह रोग सिंचाई के साथ, कृषि यंत्रों से अथवा कीटों से प्रसारित होता है इस रोग में धब्बे पूरी पत्तियों को कवर कर लेते है फलों पर भी जल आसक्त गोल अथवा अंडाकार धब्बे दिखाई देते है। ये धब्बे पूरे फल पर आ जाते है और फल सड़ना शुरू कर देते है

नियंत्रण

  • फसल चक्र अपनाना चाहिए
  • खेत को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए।
  • बीज बोने से पूर्व थायरम  अथवा कार्बेन्डाजिम 2.5 gm से प्रति किलो बीजों से हिसाब से उपचारित करना

5. विचेस ब्रूम (माइकोप्लाज्मा)

यह रोग करेले में मुख्य रूप से देखने को मिलता है। पौधे की प्रारम्भिक अवस्था में वृद्धि रुक जाती है पौधे की शीर्ष कली (axillary bud) विकृत (malformation) हो जाती है पत्तियों का आकार भी छोटा रह जाता है और पौधा झाड़ू जैसा दिखाई देने लग जाता है कभी कभी पौधे पर छोटे छोटे और अधिक संख्या में पुष्प लगते है परन्तु उन पर फलन नहीं होता है।  

नियंत्रण

  • खेत में बुआई से पूर्व प्रति हेक्टर 1.5 कार्बोफ्यूरान डालना चाहिए।
  • पौधे की 4-6 पत्तियों की अवस्था पर मोनोक्रोटोफॉस (0.05%) अथवा फॉस्फामिडोन (0.05%) का 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए।
  • ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड (500 ppm) घोल का छिड़काव करना चाहिए।

6. ग्रीन मोटल मोज़ेक (वायरस)

यह रोग खीरे में अधिक दिखाई देता है पौधे पर छोटे छोटे पीले रंग के चकते दिखाई देते है कभी कभी पत्तियों की शियाएं ही हरे रंग की दिखाई देती है और पूरी पत्ती में से क्लोरोफिल पीला पड़ जाता है (Vien Clearing)। नई पत्तिया पूरी तरह से विकृत निकलती है जो आकार में भी छोटी होती है । इस रोग का वाहक एफिड होता है 

नियंत्रण

  • बीजों को बोने से पूर्व थायरम  अथवा कैप्टान 2g / kg बीज से हिसाब स उपचारित कर बोन चाहिए।
  • पौधे की प्रारम्भिक अवस्था पर मोनोक्रोटोफॉस (0.05%) अथवा फॉस्फामिडोन (0.05%) का छिड़काव 10 दिनों के अंतराल पर करना चाहिए।

कीटों का नियंत्रण

1. लाल कद्दू बीटल (औलाकोफोरा फोवेइकोलिस)

पीली भूरे रंग की बिटिल पतियों को कहा कर छलनी जैसा बना देती है कभी कभी पौधे के तने को जमीन के पास के काट देती है।

नियंत्रण

क्विनालफोस 0.05% का 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना

2. फल मक्खी (बैक्टोसेरा कुकुर्बिटे)

यह कुकुरबिट्स का मुख्य कीट है इस कीट की वयस्क कच्चे फलों में छेद कर उनमे अंडे दे देती है उनमें से लार्वा निकल कर फल को अंदर से कहा जाता है ।

नियंत्रण

  • फेंथिओन 0.05% और गुड के घोल का छिड़काव करना चाहिए।

3. थ्रिप्स (थ्रिप्स टेबासी)

थ्रीप्स पत्तियों और पौधे के कोमल भागों से रस चूस कर उसे नुकसान पहुँचती है प्रभवित पौधे की पत्तियां मुड़नी शुरू हो जाती है ।

नियंत्रण

  • डेमेटोन 0.05% अथवा मोनोक्रोटोफॉस (0.05%) का छिड़काव करना चाहिए।